Notice: file_put_contents(): Write of 639 bytes failed with errno=28 No space left on device in /www/wwwroot/karaokeplus.ru/system/url_helper.php on line 265
Chitra Singh - Gulshan Ki Faqat | Скачать MP3 бесплатно
Gulshan Ki Faqat

Gulshan Ki Faqat

Chitra Singh

Альбом: Desires
Длительность: 6:31
Год: 2015
Скачать MP3

Текст песни

गुलशन की फ़क़त फूलों से नहीं
काँटों से भी ज़ीनत होती है

गुलशन की फ़क़त फूलों से नहीं
काँटों से भी ज़ीनत होती है
जीने के लिए इस दुनिया में
ग़म की भी ज़रूरत होती है

ऐ वाइज़-ए-नादाँ, करता है
तू एक क़यामत का चर्चा
ऐ वाइज़-ए-नादाँ, करता है
तू एक क़यामत का चर्चा

यहाँ रोज़ निगाहें मिलती हैं
यहाँ रोज़ क़यामत होती है
यहाँ रोज़ निगाहें मिलती हैं
यहाँ रोज़ क़यामत होती है

वो पुर्सिश-ए-ग़म को आए हैं
कुछ कह ना सकूँ, चुप रह ना सकूँ
वो पुर्सिश-ए-ग़म को आए हैं
कुछ कह ना सकूँ, चुप रह ना सकूँ

ख़ामोश रहूँ तो मुश्किल है
कह दूँ तो शिकायत होती है
ख़ामोश रहूँ तो मुश्किल है
कह दूँ तो शिकायत होती है

करना ही पड़ेगा ज़ब्त-ए-अलम
पीने ही पड़ेंगे ये आँसू
करना ही पड़ेगा ज़ब्त-ए-अलम
पीने ही पड़ेंगे ये आँसू

फ़रियाद-ओ-फ़ुग़ाँ से, ऐ नादान
तौहीन-ए-मोहब्बत होती है
फ़रियाद-ओ-फ़ुग़ाँ से, ऐ नादान
तौहीन-ए-मोहब्बत होती है

जो आके रुके दामन पे, सबा
वो अश्क नहीं है, पानी है
जो आके रुके दामन पे, सबा
वो अश्क नहीं है, पानी है

जो अश्क ना छलके आँखों से
उस अश्क की क़ीमत होती है

गुलशन की फ़क़त फूलों से नहीं
काँटों से भी ज़ीनत होती है
जीने के लिए इस दुनिया में
ग़म की भी ज़रूरत होती है