Kiya Hai Pyar Jise Humne Zindagi
Jagjit Singh
5:29मुझसे मिलने के वो करता था बहाने कितने मुझसे मिलने के वो करता था बहाने कितने अब गुज़ारेगा मेरे साथ ज़माने कितने मुझसे मिलने के वो करता था बहाने कितने मैं गिरा था तो बहुत लोग रुके थे लेकिन सोचता हूँ मुझे आए थे उठाने कितने अब गुज़ारेगा मेरे साथ ज़माने कितने जिस तरह मैंने तुझे अपना बना रखा है जिस तरह मैंने तुझे अपना बना रखा है सोचते होंगे यही बात न जाने कितने अब गुज़ारेगा मेरे साथ ज़माने कितने तुम नया ज़ख़्म लगाओ तुम्हें इस से क्या है भरने वाले हैं अभी ज़ख़्म पुराने कितने अब गुज़ारेगा मेरे साथ ज़माने कितने मुझसे मिलने के वो करता था बहाने कितने