Bhang Pili Gora Ne
Foji Karambir
4:37तु राजा की राज दुलारी में सर्फ लगोटे आला सु तु राजा की राज दुलारी में सर्फ लगोटे आला सु भांग रगड के पिआ करू में कुण्डी सौटै आला सु भांग रगड के पिआ करू में कुण्डी सौटै आला सु तु राजा की राज दुलारी में सर्फ लगोटे आला सु तु राजा की राज दुलारी में सर्फ लगोटे आला सु भांग रगड के पिआ करू में कुण्डी सौटै आला सु भांग रगड के पिआ करू में कुण्डी सौटै आला सु में अवधुत दर्शीनी बाबा राग देख के डर जागी में राख घोल के पिआ करू मेरा भाग देख के डर जागी पच धोण्या के बीच तपू मेरी आग देखकर डर जागी सौ सौ नाग पड़े मेरे गल में नाग देख के डर जागी साहूकार की बेटी तू हे रा रा रा रा रा रा साहूकार की बेटी तू में ख़ास टोटे आला सु भांग रगड के पिआ करू में कुण्डी सौटै आला सु भांग रगड के पिआ करू में कुण्डी सौटै आला सु तु बागा की कोयल से अडे बर्फ पडे हरि घास नही तेरे सौ सौ दासी दास रहे मेरे एक भी दासी दास नही साल दुसाले मांगेगी मेरे कम्बल तक भी पास नही टाँके साहले जी लागे आन संतरज चौपड तास नही एक कर मंडल एक कटोरा हे रा रा रा रा रा एक कर मंडल एक कटोरा में बूटे लोटे आला सु भांग रगड के पिआ करू में कुण्डी सौटै आला सु भांग रगड के पिआ करू में कुण्डी सौटै आला सु तेरी आपद की लगा समाधी मे अटल अटारी रहया करू तु पालकियां में सैर करे में बिना सवारी रहा करु तने 7 पकवानी मिले खान ने मैं पेट पुजारी रह्या करू ताने घर चाहिए और वर चाहिए मैं सदा फरारी रह्या करू ताने बंदा चाहिए जुल्फा वाला हे रे रे रे रे रे रे रे रे रे रे रे रे बनणा चाहिए जुल्फ़ां वाला मैं लंबे छोटे वाला सू भांग रगड़के पीया करू मैं कुंडी सोट्टे आला सू भांग रगड़के पीया करू मैं कुंडी सोट्टे आला सू गुरु लक्ष्मीचंद ने बुझ लिए इसा मेल मिलाना ठीक नहीं जिसकी दोनों धार हो पैणी वो सेल चलाना ठीक नहीं भांग धतूरा पीया करू मने तेल पिलाना ठीक नहीं और किटे जा ब्याह करवाले यो मेल मिलाना ठीक नहीं कह मंगेराम तू तो बोझ मारेगी हे रे रे रे रे रे रे रे रे रे रे रे रे मंगेराम कह बोझ मारेगी मैं डबल भरोटे आला सू भांग रगड़के पीया करू मैं कुंडी सोट्टे आला सू भांग रगड़के पीया करू मैं कुंडी सोट्टे आला सू भांग रगड़के पीया करू मैं कुंडी सोट्टे आला सू भांग रगड़के पीया करू मैं कुंडी सोट्टे आला सू