Ham Ko Kiske Gham Ne Mara Yeh Kahani Phir Sahi

Ham Ko Kiske Gham Ne Mara Yeh Kahani Phir Sahi

Ghulam Ali

Длительность: 7:12
Год: 1981
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Текст песни

दिल की चोटों ने कभी चैन से रहने ना दिया
जब चली सर्द हवा मैं ने तुझे याद किया
इस का रोना नही क्यों तुम ने किया दिल बर्बाद
इस का घाम है के बहुत दायर में बर्बाद किया
हम को किस के घूम ने मारा ये कहानी फिर सही
किस ने तोड़ा दिल हमारा ये कहानी फिर सही
लील के लूटने का सबब पूच्छो ना सबके सामने
नाम आएगा तुम्हारा ये कहानी फिर सही
नफ़रातों के तीर खाकर दोस्तों के शहर मैं
हम ने किस किस को पुकारा ये कहना फिर सही
क्या बताएँ प्यार की बाज़ी वफ़ा की राह में
कौन जीटा कौन हारा ये कहानी फिर सही