Lag Ja Gale Se Phir
Lata Mangeshkar
4:18ओ ओ कभी कभी ऐसा भी तो होता है ज़िंदगी में राह में चलते चलते राही खो गए बेख़ुदी में कभी कभी ऐसा भी तो होता है ज़िंदगी में राह में चलते चलते राही खो गए बेख़ुदी में कभी कभी ऐसा भी तो किस को पता था चाँदनी जाएगी हाय काली घटा छाएगी किस को पता था चाँदनी जाएगी हाय काली घटा छाएगी ठंडी पुहार हमें पास-पास लाएगी ह्म बात बन जाएगी दिल की धड़कन सुर बदलेगी घड़ी दो घड़ी में कभी कभी ऐसा भी तो होता है ज़िंदगी में राह में चलते चलते राही खो गए बेख़ुदी में कभी कभी ऐसा भी तो निंदिया के बादल घिर-घिर आए हैं ओ ओ आँखों पे छाए हैं ओ रंग भरे सपनों को सँग सँग लाए हैं आ जाल बिछाए हैं प्यार की खुशबू महक रही है साँसों की रागिनी में कभी कभी ऐसा भी तो होता है ज़िंदगी में राह में चलते चलते राही खो गए बेख़ुदी में कभी कभी ऐसा भी तो होता है ज़िंदगी में राह में चलते चलते राही खो गए बेख़ुदी में(राह में चलतेचलते राही खो गए बेख़ुदी में)