Din Kuch Aise Guzarta Hai Koi
Jagjit Singh
5:20एक तेरे क़रीब आने से एक तेरे क़रीब आने से दूर हम हो गए ज़माने से दूर हम हो गए ज़माने से एक तेरे क़रीब आने से जाने क्यों बिजलियों को रंजिश है जाने क्यों बिजलियों को रंजिश है सिर्फ़ मेरे ही आशियाने से सिर्फ़ मेरे ही आशियाने से दूर हम हो गए ज़माने से एक तेरे क़रीब आने से आग दिल की सुलगती रहने दो आग दिल की सुलगती रहने दो और भड़केगी ये बुझाने से और भड़केगी ये बुझाने से दूर हम हो गए ज़माने से एक तेरे क़रीब आने से इश्क़ ही एक राज़ है ऐसा इश्क़ ही एक राज़ है ऐसा फ़ाश होता है जो छुपाने से फ़ाश होता है जो छुपाने से दूर हम हो गए ज़माने से एक तेरे क़रीब आने से दूर हम हो गए ज़माने से एक तेरे क़रीब आने से