Har Ek Ghar Mein Diya (From "Dhoop")

Har Ek Ghar Mein Diya (From "Dhoop")

Jagjit Singh

Длительность: 6:50
Год: 2023
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Текст песни

हर एक घर में दीया भी जले, अनाज भी हो

हर एक घर में दीया भी जले, अनाज भी हो
अगर ना हो कहीं ऐसा तो एहतिजाज भी हो
अगर ना हो कहीं ऐसा तो एहतिजाज भी हो
हर एक घर में दीया भी जले, अनाज भी हो

हुकूमतों को बदलना तो कुछ मुहाल नहीं
हुकूमतों को बदलना तो कुछ मुहाल नहीं
हुकूमतें जो बदलता है वो समाज भी हो
हुकूमतें जो बदलता है वो समाज भी हो

अगर ना हो कहीं ऐसा तो एहतिजाज भी हो
अगर ना हो कहीं ऐसा तो एहतिजाज भी हो
हर एक घर में दीया भी जले, अनाज भी हो

रहेगी कब तलक वादों में क़ैद ख़ुशहाली?
रहेगी कब तलक वादों में क़ैद ख़ुशहाली?
हर एक बार ही कल क्यूँ? कभी तो आज भी हो

अगर ना हो कहीं ऐसा तो एहतिजाज भी हो
हर एक घर में दीया भी जले, अनाज भी हो

ना करते शोर-शराबा तो और क्या करते?
ना करते शोर-शराबा तो और क्या करते?
तुम्हारे शहर में कुछ और काम-काज भी हो
तुम्हारे शहर में कुछ और काम-काज भी हो

हर एक घर में दीया भी जले, अनाज भी हो
अगर ना हो कहीं ऐसा तो एहतिजाज भी हो