Rukh Se Parda
Jagjit Singh
5:50रात ख़ामोश है, चाँद मदहोश है रात ख़ामोश है, चाँद मदहोश है थाम लेना मुझे, जा रहा होश है रात ख़ामोश है, चाँद मदहोश है थाम लेना मुझे, जा रहा होश है रात ख़ामोश है... मिलन की दास्ताँ, धड़कनों की ज़ुबाँ गा रही है ज़मीं, सुन रहा है आसमाँ मिलन की दास्ताँ, धड़कनों की ज़ुबाँ गा रही है ज़मीं, सुन रहा है आसमाँ गुनगुनाती हवा दे रही है सदा सर्द इस रात की गर्म आग़ोश है रात ख़ामोश है, चाँद मदहोश है थाम लेना मुझे, जा रहा होश है रात ख़ामोश है... महकती ये फ़िज़ा, जैसे तेरी अदा छा रहा रूह पर जाने कैसा नशा महकती ये फ़िज़ा, जैसे तेरी अदा छा रहा रूह पर जाने कैसा नशा झुमता है जहाँ, अजब है ये समा दिल के गुलज़ार में इश्क़ पुरजोश है रात ख़ामोश है, चाँद मदहोश है थाम लेना मुझे, जा रहा होश है रात ख़ामोश है...