Rukh Se Parda
Jagjit Singh
5:50यूँ तो गुज़र रहा है हर इक पल ख़ुशी के साथ फिर भी कोई कमी सी है, क्यों ज़िंदगी के साथ यूँ तो गुज़र रहा है हर इक पल ख़ुशी के साथ फिर भी कोई कमी सी है, क्यूँ ज़िंदगी के साथ रिश्ता, वफ़ाएँ, दोस्ती, सब कुछ तो पास है क्या बात है पता नहीं, दिल क्यूँ उदास है हर लम्हा है हसीं, नयी दिलकशी के साथ फिर भी कोई कमी सी है, क्यूँ ज़िंदगी के साथ यूँ तो गुज़र रहा है हर इक पल ख़ुशी के साथ फिर भी कोई कमी सी है, क्यूँ ज़िंदगी के साथ चाहत भी है, सुकून भी है, दिलबरी भी है चाहत भी है, सुकून भी है, दिलबरी भी है आँखों में ख़्वाब भी है, लबों पर हँसी भी है दिल को नहीं है कोई शिकायत किसी के साथ फिर भी कोई कमी सी है, क्यूँ ज़िंदगी के साथ यूँ तो गुज़र रहा है हर इक पल ख़ुशी के साथ फिर भी कोई कमी सी है, क्यूँ ज़िंदगी के साथ सोचा था जैसा, वैसा ही जीवन तो है मगर अब और किस तलाश में बेचैन है नज़र कुदरत तो मेहरबान है, दरियादिली के साथ फिर भी कोई कमी सी है, क्यूँ ज़िंदगी के साथ यूँ तो गुज़र रहा है हर इक पल ख़ुशी के साथ फिर भी कोई कमी सी है, क्यूँ ज़िंदगी के साथ