Shiv Kailasho Ke Vasi
Jubin Nautiyal
4:52तुम आए हो तो यूँ लगता है के आई है फिर ज़िंदगी यूँ शाम से तो है खामोशी महफ़िल कैसे यहाँ फिर शुरू हुई क्यूँ यह समा बदल सा गया है क्या यह तुम्हे कुछ एहसास भी है तुम आए हो तो यूँ लगता है साँसें ले आई फिर ज़िंदगी तुम आए हो तो यूँ लगता है के आई है फिर ज़िंदगी यूँ शाम से तो है खामोशी महफ़िल कैसे यहाँ फिर शुरू हुई हो ओ हो ओ हो ओ हो ओ, हम्म हम्म मिलते हो जब तुम लगती हसीन यह ज़िंदगी मंज़िल ना हो तो हो तेरा साथ ही सही है आसमान से गहरा मेरा यकीन तुम आए हो तो (तुम आए हो तो) यूँ लगता है (यूँ लगता है) हर लम्हा है एक ज़िंदगी यूँ शाम से तो है खामोशी महफ़िल कैसे यहाँ फिर शुरू हुई हो ओ हो ओ हो ओ हो ओ, हम्म हम्म