Aye  Qatib  E-Taqadeer Mujhe

Aye Qatib E-Taqadeer Mujhe

K.L.Saigal

Длительность: 3:36
Год: 1970
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Текст песни

ऐ क़ातिब-ए-तक़दीर, मुझे इतना बता दे

ऐ क़ातिब-ए-तक़दीर, मुझे इतना बता दे
इतना बता दे
क्यों मुझसे ख़फ़ा है तू? क्या मैंने किया है?

औरों को खुशी
मुझको फ़क़त दर्द-ओ-रंज-ओ-ग़म
दुनिया को हँसी और मुझे रोना दिया है
क्या मैंने किया है? क्या मैंने किया है?
क्यों मुझसे ख़फ़ा है तू? क्या मैंने किया है?

हिस्से में सबके आई हैं...
हिस्से में सबके आई हैं रंगीन बहारें
बद-बख़्तियाँ लेकिन मुझे शीशे में उतारें

पीते हैं...
पीते हैं लोग रोज़-ओ-शब मुसर्रतों की मय
मैं हूँ कि सदा ख़ून-ए-जिगर मैंने पिया है
क्या मैंने किया है? क्या मैंने किया है?

था जिनके दम-क़दम से ये आबाद आशियाँ
वो चहचहाती...
वो चहचहाती बुलबुल जाने गई कहाँ
जुगनू की चमक है, ना सितारों की रोशनी
इस घुप अँधेरे में है मेरी जान पर बनी

क्या थी-, क्या थी...
क्या थी ख़ता कि जिसकी सज़ा तूने मुझको दी?
क्या था...
क्या था गुनाह कि जिसका बदला मुझसे लिया है?

क्या मैंने किया है? क्या मैंने किया है?
क्यों मुझसे ख़फ़ा है तू? क्या मैंने किया है?