Andheri Raaton Mein (From "Shahenshah")

Andheri Raaton Mein (From "Shahenshah")

Kishore Kumar

Длительность: 5:13
Год: 2016
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Текст песни

आ आ आ आ आ आ आ
अँधेरी रातों में
सुनसान राहों पर
अँधेरी रातों में
सुनसान राहों पर
हर ज़ुल्म मिटाने को
एक मसीहा निकलता हैं
जिसे लोग शहनशाह कहते हैं
अँधेरी रातों में
सुनसान राहों पर
अँधेरी रातों में
सुनसान राहों पर
हर ज़ुल्म मिटाने को
एक मसीहा निकलता हैं
जिसे लोग शहनशाह कहते हैं
अँधेरी रातों में
सुनसान राहों पर

आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ

जैसे निकलता हैं तीर कमान से
जैसे निकलता हैं तीर कमान से
देखो ये चला
वो निकला वो शान से
उसके ही किस्से सबकी जुबां पे
वो बात है उसकी बातों में
अँधेरी रातों में
सुनसान राहों पर
अँधेरी रातों में
सुनसान राहों पर
हर ज़ुल्म मिटाने को
एक मसीहा निकलता हैं
जिसे लोग शहनशाह कहते हैं
अँधेरी रातों में
सुनसान राहों पर

ऐसे बहादुर देखे हैं थोड़े(हाँ  हाँ  हाँ  हाँ  )
हो ऐसे बहादुर देखे हैं थोड़े
जुल्मो सितम की ज़ंजीर तोड़े
पीछे पड़े तो पीछा न छोड़े
बड़ा ज़ोर है उसके हाथों में
अँधेरी रातों में
हाँ  सुनसान राहों पर
अँधेरी रातों में
सुनसान राहों पर
हर ज़ुल्म मिटाने को
एक मसीहा निकलता हैं
जिसे लोग शहनशाह कहते हैं
अँधेरी रातों में
सुनसान राहों पर