Yeh Sham Mastani
Kishore Kumar
4:37बुझा दो दीपक हूँ अन्धेरा कर दो बुझा दो दीपक हूँ अन्धेरा कर दो उठा दो घूँघट हाय सवेरा कर दो बुझा दो दीपक हूँ अन्धेरा कर दो उठा दो घूँघट हाय सवेरा कर दो बुझा दो दीपक शरम के मारे हाथों से ये चेहरा ढाँप के शरम के मारे हाथों से ये चेहरा ढाँप के न दूर दूर जाओ सर से काँप काँप के कि अब आओ पास, मेरी प्यास तो बुझा दो कोई ग़म है तो हाय वो मेरा कर दो बुझा दो दीपक बदल लो रूप अपना आज मेरे प्यार से बदल लो रूप अपना आज मेरे प्यार से सजा दो मेरी सूनी सेज को बहार से खुशी के फूल ग़म के धूल पे बिछा के इसे खुशियों का हाय बसेरा कर दो बुझा दो दीपक