Dekha Ek Khwab
Lata Mangeshkar, Kishore Kumar
5:21मेरी साँसों में बसी ख़ुशबू तेरी ये तेरे प्यार की है जादुगरी आ आ तेरी आवाज़ है हवाओं में प्यार का रँग है फ़िज़ाओं में धड़कनों में तेरे गीत हैं खिले हुए क्या कहूँ के शर्म से हैं लब सिले हुए देखा एक ख़्वाब तो ये सिलसिले हुए दूर तक निगाहों में हैं गुल खिले हुए