Gaadi Bula Rahi Hai

Gaadi Bula Rahi Hai

Kishore Kumar

Альбом: Dost
Длительность: 6:16
Год: 1944
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Текст песни

गाड़ी बुला रही है, सीटी बजा रही है
गाड़ी बुला रही है, सीटी बजा रही है
चलना ही ज़िंदगी है, चलती ही जा रही है
गाड़ी बुला रही है, सीटी बजा रही है

देखो वो रेल, बच्चों का खेल, सीखो सबक जवानों
देखो वो रेल, बच्चों का खेल, सीखो सबक जवानों
सर पे है बोझ, सीने में आग, लब पर धुआँ है जानो
फिर भी ये गा रही है, नगमें सुना रही है
गाड़ी बुला सीटी बजा रही है

आगे तूफ़ान, पीछे बरसात, ऊपर गगन पे बिजली
आगे तूफ़ान, पीछे बरसात, ऊपर गगन पे बिजली
सोचे न बात, दिन हो के रात, सिगनल हुआ के निकली
देखो वो आ रही है, देखो वो जा रही है
गाड़ी बुला सीटी बजा रही है

आते हैं लोग, जाते हैं लोग, पानी के जैसे रेले
आते हैं लोग, जाते हैं लोग, पानी के जैसे रेले
जाने के बाद, आते हैं याद, गुज़रे हुए वो मेले
यादें मिटा रही हैं, यादें बना रही हैं
गाड़ी बुला रही है, सीटी बजा रही है
गाड़ी बुला रही है, सीटी बजा रही है

गाड़ी को देख, कैसी है नेक, अच्छा बुरा न देखे
गाड़ी को देख, कैसी है नेक, अच्छा बुरा न देखे
सब हैं सवार, दुश्मन के यार, सब को चली ये ले के
जीना सिखा रही है, मरना सिखा रही है
गाड़ी बुला रही है, सीटी बजा रही है
चलना ही ज़िंदगी है, चलती ही जा रही है
गाड़ी का नाम, ना कर बदनाम, पटरी पे रख के सर को
गाड़ी का नाम, ना कर बदनाम, पटरी पे रख के सर को
हिम्मत न हार, कर इंतज़ार, आ लौट जाएँ घर को
ये रात जा रही है, वो सुबह आ रही है
गाड़ी बुला रही है, सीटी बजा रही है