Pal Pal Dil Ke Paas (From "Blackmail")
Kishore Kumar
5:29रिम झिम गिरे सावन, सुलग सुलग जाए मन भीगे आज इस मौसम में, लगी कैसी ये अगन रिम झिम गिरे सावन सुलग सुलग जाए मन भीगे आज इस मौसम में, लगी कैसी ये अगन रिम झिम गिरे सावन जब घुंघरुओं सी बजती हैं बूंदे, अरमाँ हमारे पलके न मूंदे कैसे देखे सपने नयन सुलग सुलग जाए मन भीगे आज इस मौसम में लगी कैसी ये अगन रिम झिम गिरे सावन महफ़िल में कैसे कह दें कह दें किसी से, दिल बंध रहा है किस अजनबी से महफ़िल में कैसे कह दें कह दें किसी से, दिल बंध रहा है किस अजनबी से हाय करे अब क्या जतन सुलग सुलग जाए मन भीगे आज इस मौसम में, लगी कैसी ये अगन रिम झिम गिरे सावन सुलग सुलग जाए मन भीगे आज इस मौसम में, लगी कैसी ये अगन रिम झिम गिरे सावन