Shaam Bhi Khoob Hai
Kumar Sanu
5:06मेरे महबूब, मेरे इस दिल ने रात को दिन, सुबह को शाम लिखा इतना बैचैईयन कर दिया तुम ने मैने ये खत तुम्हारे नाम लिखा पहली-पहली बार मोहब्बत की है पहली-पहली बार मोहब्बत की है कुछ ना समझ में आए, मैं क्या करूँ इश्क़ ने मेरी ऐसी हालत की है इश्क़ ने मेरी ऐसी हालत की है कुछ ना समझ में आए, मैं क्या करूँ पहली-पहली बार मोहब्बत की है कुछ ना समझ में आए, मैं क्या करूँ इश्क़ ने मेरी ऐसी हालत की है कुछ ना समझ में आए, मैं क्या करूँ पहली-पहली बार मोहब्बत की है कुछ ना समझ में आए, मैं क्या करूँ मेरा हाल बुरा है, लेकिन तुम कैसी हो लिखना मेरा छ्चोड़ो, जान मेरी, अपना ख्याल तुम रखना कोरे काग़ज़ पे मैने सारा अरमान निकाला मेरे इस दिल में जो कुछ था, खत में सबा लिख डाला हैं हो पहली-पहली बार शरारत की है पहली-पहली बार शरारत की है कुछ ना समझ में आए, मैं क्या करूँ पहली-पहली बार मोहब्बत की है कुछ ना समझ में आए, मैं क्या करूँ काश, मेरा दिल भी कोई काग़ज़ का टुकड़ा होता रात को तेरी बाँहों में तकिए के नीचे सोता हो, केरला में गर्मी है, नैनीताल से सर्दी भेजो जो राहत पहुँचाए, ऐसा कुछ बेदर्दी भेजो बिन तेरी यादों के एक पल जीना है मुश्किल कैसे लिख डून, तुझ को कितना चाहे मेरा दिल अपनी इक तस्वीर लिफाफे में रख कर भिजवा दो मैं खुद मिलने अओउनगी, कुछ दिन दिल को समझ दो तुम कितनी भोली हो, तुम कितने अच्छे हो तुम कितनी सीधी हो, तुम कितने सच्चे हो(आआ आआ) पहली-पहली बार ये चाहत की है पहली-पहली बार ये चाहत की है कुछ ना समझ में आए, मैं क्या करूँ पहली-पहली बार मोहब्बत की है पहली-पहली बार मोहब्बत की है कुछ ना समझ में आए, मैं क्या करूँ इश्क़ ने मेरी ऐसी हालत की है इश्क़ ने मेरी ऐसी हालत की है कुछ ना समझ में आए, मैं क्या करूँ ल ला ल ला ला लाला(हम्म हम्म हम्म)