Ek Din Aap
Kumar Sanu
4:27Hmm, बरसात के मौसम में, umm-hmm तन्हाई के आलम में, umm-hmm बरसात के मौसम में, तन्हाई के आलम में मैं घर से निकल आया, बोतल भी उठा लाया अभी ज़िंदा हूँ तो जी लेने दो, जी लेने दो भरी बरसात में पी लेने दो अभी ज़िंदा हूँ तो जी लेने दो, जी लेने दो भरी बरसात में पी लेने दो Hmm, बरसात के मौसम में, umm-mmm तन्हाई के आलम में, umm-mmm बरसात के मौसम में, तन्हाई के आलम में मैं घर से निकल आया, बोतल भी उठा लाया अभी ज़िंदा हूँ तो जी लेने दो, जी लेने दो भरी बरसात में पी लेने दो अभी ज़िंदा हूँ तो जी लेने दो, जी लेने दो भरी बरसात में पी लेने दो मुझे टुकड़ों में नहीं जीना है क़तरा-क़तरा तो नहीं पीना है हो, मुझे टुकड़ों में नहीं जीना है क़तरा-क़तरा तो नहीं पीना है हो, आज पैमाने हटा दो, यारों हाँ, सारा मयख़ाना पिला दो, यारों मयक़दों में तो पिया करता हूँ मयक़दों में तो पिया करता हूँ चलती राहों में भी पी लेने दो अभी ज़िंदा हूँ तो जी लेने दो, जी लेने दो भरी बरसात में पी लेने दो मेरे दुश्मन हैं ज़माने के ग़म बाद पीने के ये होंगे कम मेरे दुश्मन हैं ज़माने के ग़म बाद पीने के ये होंगे कम हो, ज़ुल्म दुनिया के ना सह पाऊँगा बिन पिए आज ना रह पाऊँगा मुझे हालात से टकराना है मुझे हालात से टकराना है ऐसे हालात में पी लेने दो अभी ज़िंदा हूँ तो जी लेने दो, जी लेने दो भरी बरसात में पी लेने दो आज की शाम बड़ी बोझल है आज की रात बड़ी क़ातिल है हो, आज की शाम बड़ी बोझल है आज की रात बड़ी क़ातिल है हो, आज की शाम ढलेगी कैसे? हाँ, आज की रात कटेगी कैसे? आग से आग बुझेगी दिल की आग से आग बुझेगी दिल की मुझे ये आग भी पी लेने दो अभी ज़िंदा हूँ तो जी लेने दो, जी लेने दो भरी बरसात में पी लेने दो Hmm, बरसात के मौसम में, umm-hmm तन्हाई के आलम में, umm-mmm बरसात के मौसम में, तन्हाई के आलम में मैं घर से निकल आया, बोतल भी उठा लाया अभी ज़िंदा हूँ तो जी लेने दो, जी लेने दो भरी बरसात में पी लेने दो अभी ज़िंदा हूँ तो जी लेने दो, जी लेने दो भरी बरसात में पी लेने दो अभी ज़िंदा हूँ तो जी लेने दो, जी लेने दो भरी बरसात में पी लेने दो अभी ज़िंदा हूँ तो जी लेने दो, जी लेने दो भरी बरसात में पी लेने दो