Woh Lamhe Woh Baatein (From "Zeher")
Atif Aslam
5:21अगर तुम मिल जाओ, ज़माना छोड़ देंगे हम अगर तुम मिल जाओ, ज़माना छोड़ देंगे हम अगर तुम मिल जाओ, ज़माना छोड़ देंगे हम तुम्हें पाकर ज़माने-भर से रिश्ता तोड़ देंगे हम अगर तुम मिल जाओ, ज़माना छोड़ देंगे हम अगर तुम मिल जाओ, ज़माना छोड़ देंगे हम बिना तेरे कोई दिलकश नज़ारा हम ना देखेंगे बिना तेरे कोई दिलकश नज़ारा हम ना देखेंगे तुम्हें ना हो पसंद, उसको दोबारा हम ना देखेंगे तेरी सूरत ना हो जिसमें... तेरी सूरत ना हो जिसमें वो शीशा तोड़ देंगे हम अगर तुम मिल जाओ, ज़माना छोड़ देंगे हम तेरे दिल में रहेंगे, तुझको अपना घर बना लेंगे तेरे दिल में रहेंगे, तुझको अपना घर बना लेंगे तेरे ख़्वाबों को गहनों की तरह ख़ुद पर सजा लेंगे क़सम, तेरी क़सम... क़सम, तेरी क़सम, तक़दीर का रुख़ मोड़ लेंगे हम अगर तुम मिल जाओ, ज़माना छोड़ देंगे हम तुम्हें हम अपने जिस्म-ओ-जाँ में कुछ ऐसे बसा लेंगे तुम्हें हम अपने जिस्म-ओ-जाँ में कुछ ऐसे बसा लेंगे तेरी ख़ुशबू अपने जिस्म की ख़ुशबू बना लेंगे ख़ुदा से भी ना जो टूटे... ख़ुदा से भी ना जो टूटे वो रिश्ता जोड़ लेंगे हम अगर तुम मिल जाओ, ज़माना छोड़ देंगे हम तुम्हें पाकर ज़माने-भर से रिश्ता तोड़ देंगे हम अगर तुम मिल जाओ, ज़माना छोड़ देंगे हम अगर तुम मिल जाओ, ज़माना छोड़ देंगे हम