Tum Mano Ya Na Mano
Kumar Sanu
7:35तुम्हें दिल कहूँ सनम या दिलरुबा कहूँ महबूब, जान-ए-मन, तुम्हें और क्या कहूँ? हो, तुम्हें दिल कहूँ सनम, hmmm या दिलरुबा कहूँ, hmmm महबूब, जान-ए-मन, hmmm, तुम्हें और क्या कहूँ? प्यार है बेज़ुबाँ, कुछ कहो, ना कहो बस यूँही तुम मुझे प्यार करते रहो तुम्हें दिल कहूँ सनम, ला-ला-ला, या दिलरुबा कहूँ, ला-ला-ला महबूब जान-ए-मन, ला-ला-ला, तुम्हें और क्या कहूँ? प्यार है बेज़ुबाँ, कुछ कहो, ना कहो बस यूँही तुम मुझे प्यार करते रहो तुम जो मिले हो तो जीवन मिला है तुझसे ही चाहत का गुलशन खिला है हो, माँगा है रब से तुम्हें हर जनम में सदियों से उल्फ़त का ये सिलसिला है, ये सिलसिला है कहते हैं मुझसे क्या सावन की ये घटा तन-मन भिगो गई जानम तेरी वफ़ा प्यार है बेज़ुबाँ, कुछ कहो, ना कहो बस यूँही तुम मुझे प्यार करते रहो आँखों से दिल में उतर के तो देखो दिल की गली से गुज़र के तो देखो दिल में बनाया है इक आशियाना इक-दो घड़ी तुम ठहर के तो देखो, ठहर के तो देखो मैं भी ना कुछ कहूँ, ला-ला-ला तुम भी ना कुछ कहो, ला-ला-ला आँखों ही आँखों, में, ला-ला-ला, अब दिल की बात हो प्यार है बेज़ुबाँ, कुछ कहो, ना कहो बस यूँही तुम मुझे प्यार करते रहो