Ajib Dastan Hai Yeh
Lata Mangeshkar
5:16मैं तो कब से खड़ी इस पार ये अँखिया थक गयी पंथ निहार आजा रे, परदेसी मैं तो कब से खड़ी इस पार ये अँखिया थक गयी पंथ निहार आजा रे, परदेसी मैं दीये की ऐसी बाती जल ना सकी जो, बुझ भी ना पाती मैं दीये की ऐसी बाती जल ना सकी जो, बुझ भी ना पाती आ मिल मेरे जीवन साथी ओ आजा रे मैं तो कब से खड़ी इस पार ये अँखिया थक गयी पंथ निहार आजा रे, परदेसी तुम संग जनम जनम के फेरे भूल गये क्यों साजन मेरे तुम संग जनम जनम के फेरे भूल गये क्यों साजन मेरे तड़पत हूँ मैं साँझ सवेरे ओ आजा रे मैं तो कब से खड़ी इस पार ये अँखिया थक गयी पंथ निहार आजा रे, परदेसी मैं नदिया फिर भी मैं प्यासी भेद ये गहरा, बात ज़रा सी मैं नदिया फिर भी मैं प्यासी भेद ये गहरा, बात ज़रा सी बिन तेरे हर साँस उदासी ओ आजा रे मैं तो कब से खड़ी इस पार ये अँखिया थक गयी पंथ निहार आजा रे, परदेसी