Lag Ja Gale Se Phir
Lata Mangeshkar
4:18मैं और मेरी तन्हाई अक्सर ये बातें करते हैं तुम होती तो कैसा होता, तुम ये कहती, तुम वो कहती तुम इस बात पे हैरान होती, तुम उस बात पे कितनी हंसती तुम होती तो ऐसा होता, तुम होती तो वैसा होता मैं और मेरी तन्हाई अक्सर ये बातें करते हैं ये कहां आ गए हम यूं ही साथ साथ चलते तेरी बाहों में है जानम मेरे जिस्म-ओ-जान पिघलते तेरी बाहों में है जानम मेरे जिस्म-ओ-जान पिघलते ये कहां आ गए हम यूं ही साथ साथ चलते ये रात है, ये तुम्हारी जुल्फें खुली हुई हैं है चांदनी या तुम्हारी नज़रों से मेरी रातें धुली हुई हैं ये चांद है या तुम्हारा कंगन सितारे हैं या तुम्हारा आंचल हवा का झोंका है या तुम्हारे बदन की खुशबू ये पत्तियों की है सरसराहट के तुमने चुपके से कुछ कहा है ये सोचता हूं मैं कब से गुमसुम के जब की मुझको भी ये खबर है के तुम नहीं हो, कहीं नहीं हो मगर ये दिल है के कह रहा है के तुम यहीं हो, यहीं कहीं हो ओ, तू बदन है मैं हूं छाया तू न हो तो मैं कहां हूं मुझे प्यार करने वाले तू जहां है मैं वहां हूं हमें मिलना ही था हमदम इसी राह पे निकलते हमें मिलना ही था हमदम इसी राह पे निकलते ये कहां आ गए हम यूं ही साथ साथ चलते म्, मेरी सांस सांस महके कोई भीना भीना चंदन तेरा प्यार चांदनी है मेरा दिल है जैसे आंगन हुई और भी मुलायम मेरी शाम ढलते ढलते हुई और भी मुलायम मेरी शाम ढलते ढलते ये कहां आ गए हम यूं ही साथ साथ चलते मजबूर ये हालात, इधर भी है उधर भी तन्हाई की एक रात, इधर भी है उधर भी कहने को बहुत कुछ है, मगर किसे कहें हम कब तक यूं ही खामोश रहें और सहें हम दिल कहता है दुनिया की हर एक रस्म उठा दे दीवार जो हम दोनों में है, आज गिरा दे क्यों दिल में सुलगते रहें, लोगों को बता दे हाँ हमें मोहब्बत है, मोहब्बत है, मोहब्बत अब दिल में यही बात, इधर भी है उधर भी ये कहां आ गए हम यूं ही साथ साथ चलते ये कहां आ गए हम ये कहां आ गए हम