Tere Husn Ki Kya Tarif Karun

Tere Husn Ki Kya Tarif Karun

Lata Mangeshkar, Mohammed Rafi

Длительность: 4:41
Год: 1957
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Текст песни

तेरे हुस्न की क्या तारीफ़ करूँ
कुछ कहते हुए भी डरता हूँ
कही भूल से तू न समझ बैठे
की मै तुझसे मोहब्बत करता हूँ
तेरे हुस्न की क्या तारीफ़ करूँ
तेरे हुस्न की
तेरे हुस्न की क्या तारीफ़ करूँ
कुछ कहते हुए भी डरता हूँ
कही भूल से तू न समझ बैठे
की मै तुझसे मोहब्बत करता हूँ

मेरे दिल में कसक सी होती है
मेरे दिल में
मेरे दिल में कसक सी होती है
तेरी राह से जब मै गुज़रती हूँ
इस बात से ये न समझ लेना
की मै तुझसे मोहब्बत करती हूँ

तेरी बात में गीतों की सरगम
तेरी चाल में पायल की छम छम
तेरी बात में गीतों की सरगम
तेरी चाल में पायल की छम छम
कोई देख ले तुझको एक नजर
कोई देख ले तुझको एक नजर
मर जाए तेरी आँखों की कसम
मै भी हूँ अजब इक दीवाना
मरता हूँ न आहें भरता हूँ
कही भूल से तू न समझ बैठे
की मै तुझसे मोहब्बत करता हूँ

आ आ आ आ

मेरे सामने जब तू आता है
जी धक् से मेरा हो जाता है
मेरे सामने जब तू आता है
जी धक् से मेरा हो जाता है
लेती है तमन्ना अंगड़ाई
लेती है तमन्ना अंगड़ाई
दिल जाने कहा खो जाता है
महसूस ये होता है मुझको
जैसे मै तेरा दम भरती हूँ
इस बात से ये न समझ लेना
की मै तुझसे मोहब्बत करती हूँ

तेरे हुस्न की क्या तारीफ़ करूँ
कुछ कहते हुए भी डरता हूँ
कही भूल से तू न समझ बैठे
की मै तुझसे मोहब्बत करता हूँ