Dekha Ek Khwab
Lata Mangeshkar, Kishore Kumar
5:21यह गलियां यह चौबारा यहाँ आना न दुबारा यह गलियां यह चौबारा यहाँ आना न दुबारा अब हम तो भये परदेसी के तेरा यहाँ कोई नहीं के तेरा यहाँ कोई नहीं लेजा रंग बिरंगी यादें हसने रोने की बुनियादें अब हम तो भये परदेसी के तेरा यहाँ कोई नहीं के तेरा यहाँ कोई नहीं मेरे हाथों में भरी भरी चूडियां मुझे भा गयी हरी हरी चूड़ियां देख मिलती हैं तेरी मेरी चूड़ियाँ तेरे जैसी सहेली मेरे चूडियां तूने पीसी वह मेहँदी रंग लायी मेरी गोरी हथेली रच आयी तेरी आँख क्यूँ लादो भर आयी तेरे घर पे बजेगी शहनाई सावन में बादल से कहना परदेस में हैं मेरी बहना अब हम तो भये परदेसी के तेरा यहाँ कोई नहीं के तेरा यहाँ कोई नहीं आ माएं मिलने गैल चले हम ससुराल चले तेरे आँगन में अपना बस बचपन छोड़ चले कल भी सूरज निकलेगा कल भी पंछी गायेंगे सब तुझको दिखाई देंगे पर हम न नज़र आएंगे आँचल में संजो लेना हमको सपनो में बुला लेना हमको अब हम तो भये परदेसी के तेरा यहाँ कोई नहीं के तेरा यहाँ कोई नहीं देख तू ना हमें भुलाना मन दूर हमें है जाना मेरी अल्हड सी ांखेलियाँ सदा पल्कों भी बसाना जब बजने लगे बाजे गाजे जग लगने लगे खली खली उस डैम तू इतना समझना मेरी डोली उठी है फूलों वाली थोड़े दिन के यह नाते थे कभी हँसते थे गाते थे अब हम तो भये परदेसी के तेरा यहाँ कोई नहीं के तेरा यहाँ कोई नहीं यह गलियां यह चौबारा यहाँ आना न दुबारा अब हम तो भये परदेसी के तेरा यहाँ कोई नहीं के तेरा यहाँ कोई नहीं