Ae Ajnabi
Udit Narayan
5:50आ आ आ आ आ आ कभी शाम ढले तो मेरे दिल में आ जाना कभी चाँद खिले तो मेरे दिल में आ जाना कभी शाम ढले तो मेरे दिल में आ जाना कभी चाँद खिले तो मेरे दिल में आ जाना मगर आना इस तरह तुम के यहाँ से फिर ना जाना कभी शाम ढले तो मेरे दिल में आ जाना कभी चाँद खिले तो मेरे दिल में आ जाना आ आ आ आ आ आ आ आ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ तू नहीं है मगर फिर भी तू साथ है बात हो कोई भी तेरी ही बात है तू ही मेरे अन्दर है तू ही मेरे बाहर है जब से तुझको जाना है मैंने अपना माना है मगर आना इस तरह तुम के यहाँ से फिर ना जाना कभी शाम ढले तो मेरे दिल में आ जाना कभी चाँद खिले तो मेरे दिल में आ जाना कभी शाम ढले तो मेरे दिल में आ जाना(कभी शाम ढले तो मेरे दिल में आ जाना) कभी चाँद खिले तो मेरे दिल में आ जाना(कभी चाँद खिले तो मेरे दिल में आ जाना) आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ रात-दिन की मेरी दिलकशी तुमसे है ज़िन्दगी की कसम ज़िन्दगी तुमसे है तुम ही मेरी आँखें हो सूनी तनहा राहों में चाहे जितनी दूरी हो तुम हो मेरी बाहों में मगर आना इस तरह तुम के यहाँ से फिर ना जाना कभी शाम ढले आ आ आ आ (कभी शाम ढले, कभी शाम ढल) कभी चाँद खिले आ आ आ (कभी चाँद खिले, कभी चाँद खिले) कभी शाम ढले तो मेरे दिल में आ जाना (आ जाना, आ जाना) कभी चाँद खिले तो मेरे दिल में आ जाना (आ जाना, आ जाना) मेरे दिल में आ जाना, मेरे दिल में आ जाना (आ आ आ आ आ) मेरे दिल में आ जाना, मेरे दिल में आ जाना (आ आ आ आ आ) मेरे दिल में आ जाना, मेरे दिल में आ जाना (आ आ आ आ आ) आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ