Dayalu Dinanath
Mahesharam Ji
5:14कबीरा कोठी काठ की, चौमुख लगी आग सच्चा स्वामी रज गया तो, कूड़ा गया सब भाग कबीरा कलजुग आवियो, सत ना माने नी कोय कूड़ा, कपटी,लालची उण री पूजा होय ऐसा ऐसा हीरला घट मां कहीये जौहरी बिना हीरा कौन परखे ? थारो राम ह्रदय में, बाहर क्यों भटके? ऐसा ऐसा घृत दूध मां कहीये बिना झुगिये माखन कैसे निकले ? थारो राम ह्रदय में, बाहर क्यों भटके? ऐसा ऐसा आग लकड़ी मां कहीये बिना घिसिये आग कैसे निकले ? थारो राम ह्रदय में, बाहर क्यों भटके? ऐसा ऐसा किवाड़ हिवडे पर जड़िया गुरु बिना ताला कौन खोले ? थारो राम ह्रदय में, बाहर क्यों भटके? कहें कबीर साह सुनो भाई साधो राम मिले थाणे कौन हटके ?