Ek Pyar Ka Nagma Hai - Rahul Jain
Rahul Jain
2:59कभी बोले मुस्का के कभी रूठे-रूठे लागे कभी थोड़ा सा जता के पूरा-पूरा कह जाते इस बात पे हैराँ मैं हूँ क्यूँ तुझमें ही खोया रहूँ जागा हूँ, ना सोया रहूँ आए ना सुकूँ तेरे बिना दिल चले ना चले तेरे बिना साँस थमे ना थमे तेरे बिना दिल चले ना चले तेरे बिना साँस थमे ना थमे तेरे बिन मेरी साँसें ना चले तेरे बिन मेरा दिल क्यूँ ना लगे ख़ुशबू की तरह बिख़रे हो तुम मेरे ख़्यालों में, मेरे ख़्यालों में चुना है मैंने तुमको हमसफ़र लाखों-हज़ारों में इस बात से हैराँ नहीं कि मैं तुझमें ही सिमटा हूँ जागा हूँ, ना सोया रहूँ आए ना सुकूँ तेरे बिना दिल चले ना चले तेरे बिना साँस थमे ना थमे तेरे बिना दिल चले ना चले तेरे बिना साँस थमे ना थमे जाने ना कैसा हुनर है ये तेरा तू ही तू मुझे दिखे मेरी हर सोच में रवाँ तू ही हर साँस में मिले इस बात से हैराँ नहीं कि मैं तुझमें ही सिमटा हूँ जागा हूँ, ना सोया रहूँ आए ना सुकूँ तेरे बिना दिल चले ना चले तेरे बिना साँस थमे ना थमे तेरे बिना दिल चले ना चले तेरे बिना साँस थमे ना थमे तेरे बिन मेरी साँसें ना चले तेरे बिन मेरा दिल क्यूँ ना लगे