Woh Lamhe Woh Baatein (From "Zeher")
Atif Aslam
5:21सीने में धड़कन की ज़रूरत है हर घड़ी जीने को साँसों की ज़रूरत है सबको ही उसी तरह नादान दिल को ज़रूरत है महबूब की महबूब की महबूब की महबूब की महबूब की महबूब की महबूब की महबूब की महबूब की महबूब की महबूब की महबूब की महफ़िल को बातों की ज़रूरत है है दस्तूर यही तारों को रातों की ज़रूरत है सुबहो की नही उसी तरह मजबूर दिल को ज़रोरत है महबूब की महबूब की महबूब की महबूब की महबूब की महबूब की महबूब की महबूब की वो जो सनम कहलाए इतनी ख़ुसी संग लाए जैसे हो जन्नत ही मिली वो तो सुकून का दरिया जीने का वो ही ज़रिया जिस से जुड़ी हो आशिक़ुई तभी तो हन बहाल दिल को ज़रूरत है महबूब की महबूब की महबूब की महबूब की महबूब की महबूब की महबूब की महबूब की