Mujhe De De Har Gham Tera
Sidharth Basrur
4:57दिल सुनता है, तेरी सदा आ रूबरू अब तो ज़रा बेचैन सी मेरी ज़िंदगी सुन कर तेरी ये दास्तान जीना मेरा आसान कर तू मिलके ये एहसान कर कहीं खो गया चैनो सुकून तेरे दर्द को अब जान कर जानिया ओ जानिया बस रोए दिल मेरा आँसू पलकों पे नही है बेवजह दिल है गमझदा जानिया तुझे पा लिया, या खो दिया इस बात पर दिल रो दिया के चाह कर तू ना आ सके तू वक्त है गुज़रा हुआ तुझे रख लिया इन यादों मे इक फूल सा किताबों मे इस दिल मे तू रहेगा सदा और महेकेगा इन साँसों मे रातों मे तू जल जाता है चहेरे मे तू ढल जाता है तारा है तू मुझमे टूटा सा नींदों से जगा देता है पलकों को भिगो देता है दरिया है तू मुझमे डूबा सा हर वक्त ख्वाबों की तरह तू आता रहा जानिया ओ जानिया दिन क्या रात क्या आहट हो कोई लगता है सदा के तू है वहाँ जानिया जानिया ओ जानिया बस रोए दिल मेरा आँसू पलकों पे नही है बेवजह दिल है गमझदा जानिया