Mehke Huye Tere Lab Ke Gulab

Mehke Huye Tere Lab Ke Gulab

Mohammed Aziz

Длительность: 5:32
Год: 1990
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Текст песни

निगाहें नीची किए सर झुकाए बैठे हो
तुम्ही तो हो जो मेरा दिल चुराए बैठे हो

महके हुए तेरे लब के गुलाब
बढ़ता हुआ तेरा कमसिन शबाब
तेरा अगुरी तन जो चुआ हैं
हाय रे आज पानी भी मदिरा हुआ हैं
हाय रे आज पानी भी मदिरा हुआ हैं
रोक पाएगी क्या मुझको शर्म ओ हया
दिल में दबता नहीं ऐसा तूफ़ा उठा
लडके हद से गुजरने लगे है
हाय रे काली भवरे पे मरने लगी हैं
हाय रे काली भवरे पे मरने लगी हैं

मिलना ज़रूरी हुआ दो दिलो का
मिलाने के रास्ते निकाले
जिस्मो ने जो फ़ासले चुन लिए थे
दिल ने वो खुद तोड़ डाले
चाँद तारो की क्या हैं ज़रूरत मुझे
तेरे तन के बहुत है उजाले
दिल छू गई तेरी तीखी नज़र
तीखी नज़र कर गई क्या असर
तन में अंगारा दहका हुआ हैं
हाय रे आज मन है के हो
आज मन है के बहका हुआ हैं
हाय रे आज आज मन हैं के बहका हुआ है

सूरज ये बोला काली तू खील जा
किरणों के हार तुझे दूँगा
बादल ये बोला काली तू खील जा
नै बहार तुझे दूँगा
भवरे ने कहा कुछ भी दुगा
नहीं मैं तो तेरा प्यार लुगा
कहना सुन भवरे का
हंस के खिल गई कली
किसी लालच की बात ना कली पर चली
प्यार देकर निखरने लगी हैं
हाय रे काली भवरे पे कली
भवरे पे मरने लगी हैं
हाय रे कली भवरे पे मरने लगी हैं
महके हुए तेरे लब के गुलाब
चडता हुआ तेरा कमसिन शबाब
तेरा अगुरी तन जो छुआ है
हाय रे आज पानी भी मदिरा हुआ हैं
हाय रे आज पानी भी मदिरा हुआ हैं
रोक पाएगी क्या मुझको शर्म ओ हया
दिल में दबता नहीं ऐसा तूफ़ा उठा
लडके हद से गुजरने लगे हैं
हाय रे कली भवरे पे मरने लगी हैं
हाय रे काली भवरे पे मरने लगी हैं