Raaz-E-Dil Unse Chhupaya Na Gaya
Mohammed Rafi
3:22ऐसा ना हो के इन वादियों में मैं खो जाऊँ ऐसा ना हो के इन वादियों में मैं खो जाऊँ और तुम मुझे ढूँढा करो, और मैं कभी मिल ना पाऊँ ऐसा ना हो के इन वादियों में मैं खो जाऊँ आईं अगर मुझ को नज़र झीलों के झिलमिल दर्पण में तुम आईं अगर मुझ को नज़र झीलों के झिलमिल दर्पण में तुम मिलने गले जाऊँगा मैं, हो जाऊँगा जल्वों में गुम और तुम मुझे आवाज़ दो, लौट कर मैं ना आऊँ ऐसा ना हो के इन वादियों में मैं खो जाऊँ ये धुँध क्या, जैसे धुआँ मेरी ही आहों से पैदा हुआ ये धुँध क्या, जैसे धुआँ मेरी ही आहों से पैदा हुआ आशिक़ हूँ मैं, वो दिल जला लेकिन तुम्हीं पे शैदा हुआ देखा करो चारों तरफ़ और मैं कहीं छुप ना जाऊँ ऐसा ना हो के इन वादियों में मैं खो जाऊँ और तुम मुझे ढूँढा करो, और मैं कभी मिल ना पाऊँ ऐसा ना हो के इन वादियों में मैं खो जाऊँ मैं खो जाऊँ, मैं खो जाऊँ