Hari Ka Dhyan Laga Man Mere
Mohammed Rafi
4:29बंदे, किस पर करे गुमान बंदे, किस पर करे गुमान किस पर करे गुमान तू है दो दिन का मेहमान बंदे, किस पर करे गुमान बंदे, किस पर करे गुमान किस पर करे गुमान तू है दो दिन का मेहमान बंदे, किस पर करे गुमान बंदे, किस पर करे गुमान किस काम के ये तेरे महल-अटारी? किस काम की जो निकले धूम से सवारी? किस काम के ये तेरे महल-अटारी? किस काम की जो निकले धूम से सवारी? सोना भी पहने, चाँदी भी पहने... सोना भी पहने, चाँदी भी पहने, पहने हीरे-मोती पर ये ना समझा, बंदे, इसमें धरा क्या जो कुछ भी है वो उसकी नूरानी ज्योति, नूरानी ज्योति धन-दौलत के चक्कर में तू भुला रे भगवान बंदे, किस पर करे गुमान बंदे, किस पर करे गुमान किस पर करे गुमान तू है दो दिन का मेहमान बंदे, किस पर करे गुमान बंदे, किस पर करे गुमान ये दुनिया है छल का सपना सभी हैं पराए, इक प्रभू नाम अपना ये दुनिया है छल का सपना सभी हैं पराए, इक प्रभू नाम अपना धन है माटी, तन है माटी... धन है माटी, तन है माटी, इस पर क्या इतराना मान ले कहना, ओ, दीवाने सब को छोड़ के प्रभू नाम जपना, प्रभू नाम जपना अंत समय पछताएगा जब निकलेंगे रे प्राण बंदे, किस पर करे गुमान बंदे, किस पर करे गुमान किस पर करे गुमान तू है दो दिन का मेहमान बंदे, किस पर करे गुमान बंदे, किस पर करे गुमान किस पर करे गुमान बंदे, किस पर करे गुमान