Man Re Tan Hai

Man Re Tan Hai

Mohammed Rafi

Длительность: 4:28
Год: 1981
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Текст песни

मन रे, ओ
मन रे, ओ
मन रे

मन रे, तन है दुख का गाँव
मन रे, तन है दुख का गाँव

मन रे, ओ
मन रे, ओ
मन रे, तन है दुख का गाँव
मन रे, तन है दुख का गाँव

जीवन सुख है या दुख कोई? जो सोचे वो उलझे
जीवन सुख है या दुख कोई? जो सोचे वो उलझे
राम नाम के सुमिरन से ही हर इक उलझन सुलझे

काँटे भी देते हैं छाँव

मन रे, तन है दुख का गाँव

मन रे, ओ
मन रे, ओ
मन रे, तन है दुख का गाँव
मन रे, तन है दुख का गाँव

शहर अधूरा, लोग अधूरे, कोई ना जग में पूरा
शहर अधूरा, लोग अधूरे, कोई ना जग में पूरा
...कोई ना जग में पूरा, ओ
दुख की लय पर आँसू चुनकर नाचे प्राण-मयूरा

जीवन है इक हारा दाँव

मन रे, तन है दुख का गाँव

मन रे
मन रे, ओ
मन रे, तन है दुख का गाँव
मन रे, तन है दुख का गाँव
मन रे, तन है दुख का गाँव