Likhe Jo Khat Tujhe
Mohammed Rafi
3:06तुम जो मिल गये हो, तो यह लगता है के जहाँ मिल गया के जहाँ मिल गया एक भटके हुए राही को, कारवाँ मिल गया तुम जो मिल गये हो, तो यह लगता है के जहाँ मिल गया के जहाँ मिल गया बैठो ना दूर हमसे, देखो खफा ना हो बैठो ना दूर हमसे, देखो खफा ना हो किस्मत से मिल गये हो, मिलके जुदा ना हो किस्मत से मिल गये हो, मिलके जुदा ना हो मेरी क्या ख़ता है, होता है यह भी के जमी से भी कभी आसमा मिल गया के जहाँ मिल गया हम्म हम्म हम्म हम्म तुम क्या जानो तुम क्या हो, एक सुरीला नगमा हो भीगी रातों मे मस्ती, तपते दिन मे साया हो तुम क्या जानो तुम क्या हो, अब जो आ गये हो जाने ना दूँगा के मुझे इक हसीन मेहरबान मिल गया के जहाँ मिल गया हम्म हम्म हम्म हम्म तुम जो मिल गये हो, तो यह लगता है के जहाँ मिल गया के जहाँ मिल गया तुम भी थे खोए खोए, मैं भी बुझा बुझा तुम भी थे खोए खोए, मैं भी बुझा बुझा था अजनबी जमाना, अपना कोई ना था था अजनबी जमाना, अपना कोई ना था दिल को जो मिल गया है तेरा सहारा इक नयी जिंदगी का निशान मिल गया तुम जो मिल गये हो, तो यह लगता है के जहाँ मिल गया एक भटके हुए राही को, कारवाँ मिल गया तुम जो मिल गये हो, तो यह लगता है के जहाँ मिल गया के जहाँ मिल गया