Mast Baharon Ka Main Aashiq

Mast Baharon Ka Main Aashiq

Mohammed Rafi

Альбом: Farz
Длительность: 6:21
Год: 1967
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Текст песни

मस्त बहारों का मैं आशिक
में जो चाहे यार कारु कू कू
चाहे गुल्लू के साये से खेलूँ
चाहे कल्ली से प्यार करु
सारा जहाँ है मेरे लिए मेरे लिए

कू कू
मस्त बहारों का मैं आशिक
में जो चाहे यार करु
चाहे गुल्लू के साये से खेलूँ
चाहे कल्ली से प्यार करु
सारा जहाँ है मेरे लिए मेरे लिए

में हूँ वो दीवाना
जिस के सब दीवाने हैं
में हूँ वो दीवाना
जिस के सब दीवाने हैं
किस को हाय ज़रुरत
तेरी ए ज़मने हा
मेरा अपना रास्ता
दुनिया से क्या वास्ता
मेरे दिल मे तमना की
की दुनिया जवन है
मेरे लिए मेरे लिए
कू कू

मस्त बहारों का मैं आशिक
में जो चाहे यार करु
चाहे गुल्लू के साये से खेलूँ
चाहे कल्ली से प्यार करु
सारा जहाँ है मेरे लिए मेरे लिए

मेरी आँखों से ज़रा
आँखें तो मिला दे हाँ
मेरी आँखों से ज़रा
आँखें तो मिला दे हां
मेरी राहें रोक ले
नज़रें तो बिछा दे है
तेरे सर्र की हाय कसम
मैं  जो चला गया सनम
तो यह रुत भी चली
जाये गई यह तो यहाँ है
मेरे लिए मेरे लिए
कू कू

मस्त बहारों का मैं आशिक
में जो चाहे यार कारु
चाहे गुल्लू के साये से खेलूँ
चाहे कल्ली से प्यार कारु
सारा जहाँ है मेरे लिए मेरे लिए

सब्ब को यह बता दो
कह दो हर् नज़र से हा
सब्ब को यह बता दो
कह दो हर् नज़र से हा
कोई भी मेरे सिवा
गुज़रे न इधेर से हा
बतला दो इस जहाँ को
समझा दो खिज़ा को
आये जाए यहाँ न
कोई यह गुलसितां है
मेरे लिए मेरे लिए
कू कू

मस्त बहारों का मैं आशिक
में जो चाहे यार कारु
चाहे गुल्लू के साये से खेलूँ
चाहे कल्ली से प्यार कारु
सारा जहाँ है मेरे लिए मेरे लिए
मेरे लिए मेरे लिए
मेरे लिए मेरे लिए.