Tumne Mujhe Dekha
Mohammed Rafi
4:50सुहानी रात ढल चुकी, ना जाने तुम कब आओगे सुहानी रात ढल चुकी, ना जाने तुम कब आओगे जहाँ की रुत बदल चुकी, ना जाने तुम कब आओगे नजारें अपनी मस्तियाँ, दिखा दिखा के सो गये सितारें अपनी रोशनी, लूटा लूटा के सो गये हर एक शम्मा जल चुकी ना जाने तुम कब आओगे सुहानी रात ढल चुकी, ना जाने तुम कब आओगे तड़प रहे हैं हम यहाँ तड़प रहे हैं हम यहाँ, तुम्हारे इंतजार में तुम्हारे इंतजार में खिज़ा का रंग आ चला है मौसम-ए-बहार में खिज़ा का रंग आ चला है मौसम-ए-बहार में मौसम-ए-बहार में हवा भी रुख बदल चुकी, ना जाने तुम कब आओगे सुहानी रात ढल चुकी, ना जाने तुम कब आओगे