Door Rah Kar Na Karo Baat Revival
Mohd Rafi
4:34तू मेरे सामने है तेरी जुल्फे है खुली तेरा आँचल है ढला मैं भला होश मे कैसे रहूँ तू मेरे सामने है तेरी जुल्फे है खुली तेरा आँचल है ढला मैं भला होश मे कैसे रहूँ तू मेरे सामने है तेरी आँखे तो छलक्ते हुए पैमाने है और तेरे होत लरजते हुए मैखने है मेरा अरमान इसी बात के दीवाने है मैं भला होश मे कैसे रहूँ, कैसे रहूँ तू मेरे सामने है तू जो हँसती है तो बिजली सी चमक जाती है तेरी सांसो से गुलबों की महक आती है तू जो चलती है तो कुद्रत भी बहक जाती है मैं भला होश मे कैसे रहूँ, कैसे रहूँ तू मेरे सामने है तेरी जुल्फे है खुली तेरा आँचल है ढला मैं भला होश मे कैसे रहूँ तू मेरे सामने है