Jo Wada Kiya Woh Nibhana Padega - Happy
Lata Mangeshkar
3:16ज़िंदगी भर नहीं भूलेगी वो बरसात की रात एक अंजान हसीना से मुलाकात की रात ज़िंदगी भर नहीं भूलेगी हाय वो रेशमी ज़ुल्फ़ों से बरसता पानी हाय वो रेशमी ज़ुल्फ़ों से बरसता पानी फूल से गालों पे रुकने को तरसता पानी दिल में तूफ़ान उठाते हुए दिल में तूफ़ान उठाते हुए जज़बात की रात ज़िंदगी भर नहीं भूलेगी डर के बिजली से अचानक वो लिपटना उसका और फिर शर्म से बलखाके सिमटना उसका कभी देखी न सुनी ऐसी हो कभी देखी न सुनी ऐसी तिलिस्मात कि रात ज़िंदगी भर नहीं भूलेगी सुर्ख आंचल को दबाकर जो निचोड़ा उसने सुर्ख आंचल को दबाकर जो निचोड़ा उसने दिल पे जलता हुआ एक तीर सा छोड़ा उसने आग पानी में लगाते हुए आग पानी में लगाते हुए हालात कि रात ज़िंदगी भर नहीं भूलेगी मेरे नग़्मों में जो बसती है वो तस्वीर थी वो नौजवानी के हसीं ख़्वाब की ताबीर थी वो आसमानों से उतर आई हो ओ आसमानों से उतर आई थी जो रात की रात ज़िंदगी भर नहीं भूलेगी वो बरसात की रात ज़िंदगी भर नहीं भूलेगी