Naav - Chadhti Lehrein Laang Na Paye
Mohan
4:13उजले बाज़ के सपनो से क्यूँ यारी हो गयी रे उजले बाज़ के सपनो से क्यूँ यारी हो गयी रे पिंजरे में थे बंद पिंजरे में थे उड़ने की तैयारी हो गयी रे माइरी मैं एक शिकरा यार बनाया एक उडारी एक उडारी ऐसी मारी ओ लौट के फिर ना आया इधर उड़े कभी उधर उड़े हम थके पंख के संग रे इधर उड़े कभी उधर उड़े हम थके पंख के संग रे क़ैद हुए थे हम क़ैद हुए थे हम क़ैद से यारी हो गयी रे उजले बाज़ के सपनों से क्यूँ यारी हो गयी रे गर फिरदौस बरू-ए-ज़मी अस्ते गर फिरदौस बरू-ए-ज़मी अस्ते हमीं अस्ता हमीं अस्ता हमीं अस्ता हमीं अस्ता हमीं अस्ता हमीं अस्ता हमीं अस्ता हमीं अस्ता