Aap Ke Haseen Rukh Pe

Aap Ke Haseen Rukh Pe

Mohd.Rafi

Длительность: 5:39
Год: 1965
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Текст песни

आप के हसीन रुख़ पे आज नया नूर है
मेरा दिल मचल गया तो मेरा क्या कृसूर है
आप के हसीन रुख़ पे आज नया नूर है
मेरा दिल मचल गया तो मेरा क्या कृसूर है
आप के निगाह ने कहा तो कुछ ज़रूर है
मेरा दिल मचल गया तो मेरा क्या कृसूर है

खुली लटों की छाँव में खिला खिला ये रूप है
खुली लटों की छाँव में खिला खिला ये रूप है
घटा से जैसे छन रही सुबह सुबह की धूप है
जिधर नज़र मुड़ी जिधर नज़र मुड़ी
जिधर नज़र मुड़ी उधर सुरूर ही सुरूर हैं
मेरा दिल मचल गया तो मेरा क्या कृसूर है
आप के हसीन रुख़ पे आज नया नूर है
मेरा दिल मचल गया तो मेरा क्या कृसूर है

झुकी झुकी निगाह में भी हैं बला की शोखियाँ
झुकी झुकी निगाह में भी हैं बला की शोखियाँ
दबी दबी हँसी में भी तड़प रही हैं बिजलियाँ
शबाब आप का शबाब आप का
शबाब आप का नशे में खुद ही चूर चूर है
मेरा दिल मचल गया तो मेरा क्या कृसूर है
आप के निगाह ने कहा तो कुछ ज़रूर है
मेरा दिल मचल गया तो मेरा क्या कृसूर है

जहाँ जहाँ पड़े कदम वहाँ फ़िज़ा बदल गई
जहाँ जहाँ पड़े कदम वहाँ फ़िज़ा बदल गई
कि जैसे सर बसर बहार आप ही में ढल गई
किसी में यह कशीश किसी में यह कशीश
किसी में यह कशीश कहा
जोआपमें हुजूर है
मेरा दिल मचल गया तो मेरा क्या कृसूर है
आप के हसीन रुख़ पे आज नया नूर है
मेरा दिल मचल गया तो मेरा क्या कृसूर है
आप के निगाह ने कहा तो कुछ ज़रूर है
मेरा दिल मचल गया तो मेरा क्या कृसूर है
अहम हं