Likhe Jo Khat Tujhe
Mohammed Rafi
4:34पोंछ कर अश्क़ अपनी आँखों से पोंछ कर अश्क़ अपनी आँखों से मुस्कुराओ तो कोई बात बने सर झुकाने से कुछ नहीं होगा सर उठाओ तो कोई बात बने पोंछ कर अश्क़ अपनी आँखों से मुस्कुराओ तो कोई बात बने ज़िंदगी भीख में नहीं मिलती ज़िंदगी भीख में नहीं मिलती ज़िंदगी बढ़ के छीनी जाती है ज़िंदगी बढ़ के छीनी जाती है अपना हक़ संगदिल ज़माने से छीन पाओ तो कोई बात बने सर झुकाने से कुछ नहीं होगा सर उठाओ तो कोई बात बने रंग और नस्ल जात और मज़हब रंग और नस्ल जात और मज़हब जो भी हो आदमी से कमतर है जो भी हो आदमी से कमतर है इस हक़ीक़त को तुम भी मेरी तरह मान जाओ तो कोई बात बने सर झुकाने से कुछ नहीं होगा सर उठाओ तो कोई बात बने नफ़रतों के जहाँ में हमको नफ़रतों के जहाँ में हमको प्यार की बस्तियाँ बसानी है प्यार की बस्तियाँ बसानी है दूर रहना कोई कमाल नहीं पास आओ तो कोई बात बने पोंछ कर अश्क़ अपनी आँखों से मुस्कुराओ तो कोई बात बने सर झुकाने से कुछ नहीं होगा सर उठाओ तो कोई बात बने