Shodhisi Manava Rahooli Mandiri

Shodhisi Manava Rahooli Mandiri

Mohd Rafi

Длительность: 3:17
Год: 1966
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Текст песни

शोधिसी मानवा राउळी मंदिरी
नांदतो देव हा आपुल्या अंतरी
शोधिसी मानवा राउळी मंदिरी

मेघ हे दाटती कोठुनी अंबरी
सूर येती कसे वाजते बासरी
रोमरोमी फुले तीर्थ हे भूवरी
दूर इंद्रायणी दूर ती पंढरी
शोधिसी मानवा राउळी मंदिरी

गंध का हासतो पाकळी सारुनी
वाहते निर्झरी प्रेमसंजीवनी
भोवताली तुला साद घाली कुणी
खूण घे जाणुनी रूप हे ईश्वरी
शोधिसी मानवा राउळी मंदिरी

भेटतो देव का पूजनी अर्चनी
पुण्य का लाभते दानधर्मातुनी
शोध रे दिव्यता आपुल्या जीवनी
आंधळा खेळ हा खेळशी कुठवरी
शोधिसी मानवा राउळी मंदिरी
नांदतो देव हा आपुल्या अंतरी
शोधिसी मानवा राउळी मंदिरी