Jaat Roya Sari Raat
Gulshan Baba
4:07हां आ आ आ आ एक सुथरी सी छोरी गेल्या आँख लड़गी बिना बुझे दिल के वा माँ बणगी होंठ थे रसीले, घणी बोले मिठी थी देख के ने यारा की गरारी आदगी आज हो गया काटी चला टूट गया दिल का ताला लाग गया मेरे इश्क़ रोग रे आ रही थी मर्जाणी वा बंदूक बनके घोड़ी पे वा चली थी तन तन के आ रही थी मर्जाणी वा बंदूक बनके घोड़ी पे वा चली थी टन-टन के सूट भी रे कती फसके ने आर्या था देख उने छाती में भी राड़ छिड़गई आज हो गया काती चला टूट गया दिल का ताला लाग गया मेरे इश्क़ रोग रे हो हो हो हो हो बटुआ सा मुँह ले री पतली कमर राम जी ने छोड़ी कोन्या किती रे कसर बटुआ सा मूल ले री पतली कमर राम जी ने छोड़ी कोन्या किती रे कसर हलवे रे हलवे थी चाल उसकी मुड़ के लखाई बिजली सी पड़गी आज हो गया कटी चला टूट गया दिल का ताला लाग गया मेरे इश्क़ रोग रे मने ठोक ली वा कर्दा सा जी करके भरगी वा हाँ नीचे नाड़ करके मने ठोक ली वा कर्दा सा जी करके भरगी वा हाँ नीचे नाड़ करके बोली अजय हूडा, तेरे बार काटू थी फेर के था सारी दुनिया की शादगी आज हो गया कटी चाला टूट गया दिल का ताला लाग गया मेरे इश्क़ रोग रे Its A Gr Music