Kahin Door Jab Din Dhal Jaye
Mukesh
5:38कोई जब तुम्हारा हृदय तोड़ दे तड़पता हुआ जब कोई छोड़ दे तब तुम मेरे पास आना प्रिय मेरा दर खुला है खुला ही रहेगा तुम्हारे लिए कोई जब तुम्हारा हृदय तोड़ दे अभी तुम को मेरी ज़रूरत नही बहोत चाहनेवाले मिल जाएँगे अभी रूप का एक सागर हो तुम कंवल जीतने चाहोगी खिल जाएँगे दरपन तुम्हे जब डराने लगे जवानी भी दामन छुड़ाने लगे तब तुम मेरे पास आना प्रिय मेरा सर झुका है झुका ही रहेगा तुम्हारे लिए कोई जब तुम्हारा हृदय तोड़ दे तड़पता हुआ जब कोई छोड़ दे कोई शर्त होती नहीं प्यार में मगर प्यार शर्तों पे तुम ने किया नज़र में सितारे जो चमके ज़रा बुझाने लगी आरती का दिया जब अपनी नज़र में ही गिरने लगो अंधेरो में अपने ही घिरने लगो तब तुम मेरे पास आना प्रिये ये दीपक जला है जला ही रहेगा तुम्हारे लिए कोई जब तुम्हारा हृदय तोड़ दे तड़पता हुआ जब कोई छोड़ दे