Lag Ja Gale Se Phir
Lata Mangeshkar
4:18कभी कभी मेरे दिल में ख़याल आता है कभी कभी मेरे दिल में ख़याल आता है के जैसे तुझको बनाया गया है मेरे लिये के जैसे तुझको बनाया गया है मेरे लिये तू अबसे पहले सितारों में बस रही थी कहीं तू अबसे पहले सितारों में बस रही थी कहीं तुझे ज़मीं पे बुलाया गया है मेरे लिये तुझे ज़मीं पे बुलाया गया है मेरे लिये कभी कभी मेरे दिल में ख़याल आता है के ये बदन ये निगाहें मेरी अमानत हैं के ये बदन ये निगाहें मेरी अमानत हैं ये गेसुओं की घनी छाँव हैं मेरी ख़ातिर ये होंठ और ये बाहें मेरी अमानत हैं ये होंठ और ये बाहें मेरी अमानत हैं कभी कभी मेरे दिल में ख़याल आता है के जैसे बजती हैं शहनाइयां सी राहों में के जैसे बजती हैं शहनाइयां सी राहों में सुहाग रात है घूँघट उठा रहा हूँ मैं सुहाग रात है घूँघट उठा रहा हूँ मैं सिमट रही है तू शरमा के अपनी बाहों में सिमट रही है तू शरमा के अपनी बाहों में कभी कभी मेरे दिल में ख़याल आता है के जैसे तू मुझे चाहेगी उम्र भर यूँही उठेगी मेरी तरफ़ प्यार की नज़र यूँही मैं जानता हूँ के तू ग़ैर है मगर यूँही मैं जानता हूँ के तू ग़ैर है मगर यूँही कभी कभी मेरे दिल में ख़याल आता है कभी कभी मेरे दिल में ख़याल आता है