Tumhen Dillagi

Tumhen Dillagi

Nusrat Fateh Ali Khan

Длительность: 5:56
Год: 2022
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Текст песни

तुम्हें दिल्लगी भूल जानी पड़ेगी
तुम्हें दिल्लगी भूल जानी पड़ेगी
महोब्बत की राहो में आकर तो देखो
तुम्हें दिल्लगी भूल जानी पड़ेगी
महोब्बत की राहो में आकर तो देखो
महोब्बत की राहो में आकर तो देखो
तुम्हें दिल्लगी भूल जानी पड़ेगी
महोब्बत की राहो में आकर तो देखो
तुम्हें दिल्लगी भूल जानी पड़ेगी
तुम्हें दिल्लगी भूल जानी पड़ेगी
महोब्बत की राहो में आकर तो देखो
महोब्बत की राहो में आकर तो देखो
तड़पने मेरे ना फिर तुम हसोगे
तड़पने मेरे ना फिर तुम हसोगे
कभी दिल किसी से लगा कर तो देखो
तड़पने मेरे ना फिर तुम हसोगे
कभी दिल किसी से लगा कर तो देखो
तड़पने मेरे ना फिर तुम हसोगे
कभी दिल किसी से लगा कर तो देखो
तुम्हें दिल्लगी भूल जानी पड़ेगी
तुम्हें दिल्लगी
दिल्लगी भूल जानी पड़ेगी
तुम्हें दिल्लगी
दिल्लगी भूल जानी पड़ेगी
तुम्हें दिल्लगी
दिल्लगी भूल जानी पड़ेगी
होंठो के पास आये हँसी क्या मजाल है
दिल का मुआमला है कोई दिल लगी नहीं
तुम्हे दिल्लगी
जख्म पे जख्म खा के जी
जख्म पे जख्म खा के जी
अपने लहू के घूंट पी
अपने लहू के घूंट पी
आह ना कर लबो को सी
इश्क है दिल लगी नहीं

मुहब्बत की रहो में आ कर तो देखो

वाफाओ की हमसे तवक्को नहीं है
वाफाओ की हमसे तवक्को नहीं है
मगर एक बार आजमा कर तो देखो
मगर एक बार आजमा कर तो देखो
ज़माने को अपना बना कर तो देखा
ज़माने को अपना बना कर तो देखा
हमे भी तुम अपना बना कर तो देखो
ज़माने को अपना बना कर तो देखा
हमे भी तुम अपना बना कर तो देखो

खुदा के लिए छोड़ दो अब ये पर्दा
खुदा के लिए छोड़ दो अब ये पर्दा
खुदा के लिए छोड़ दो अब ये पर्दा
खुदा के लिए छोड़ दो अब ये पर्दा

के आज हम तुम नहीं गैर कोई
के आज हम तुम नहीं गैर कोई
शबे वस्ल भी है हिजाब इस कदर क्यू
शबे वस्ल भी है हिजाब इस कदर क्यू
जरा रुख से आँचल उठा कर तो देखो
शबे वस्ल भी है हिजाब इस कदर क्यू
जरा रुख से आँचल उठा कर तो देखो