Beqaaboo
Oaff
3:08गहरे मुझे बातें तेरी तेरी तेरी हो गई है जुबां मेरी कह रहा मुझे ये मन ये मन तू ही है सुकून, तू ही है सुकून मौसम की तरह करा हो आते-जाते तुम ज़ेहन में हर मौसम तेरा मेरा रहती तुझ में ही मगन मैं तुम जान लो मेरे लिए हो क्या तुम जान लो बाहों का तेरा सहारा हो कश्तियों का तू किनारा हो जिस्म को ज़रूरी जैसे रूह या I'm holding on to you जिस्म को ज़रूरी जैसे रूह या I'm holding on to you हैं जहरो शोन बड़े बड़े धूप न तुम्हारी यहाँ गिरी है सर्दियाँ आ गईं कोहरे न हटे मन के है खामोशी इधर-उधर तू यादों में अभी भी खंके तुम जान लो मेरे लिए हो क्या तुम जान लो बाहों का तेरा सहारा हो कश्तियों का तू किनारा हो जिस्म को ज़रूरी जैसे रूह या I'm holding on to you जिस्म को ज़रूरी जैसे रूह या I'm holding on to you कश्तियों को मिल गई हो जैसे तन्हाईआ अश्क सिकईतो को मिल गई हो जैसे सुनवईया बाहों का तेरा सहारा हो कश्तियों का तू किनारा हो जिस्म को ज़रूरी जैसे रूह या I'm holding on to you जिस्म को ज़रूरी जैसे रूह या I'm holding on to you