Atak Gaya (From "Badhaai Do")

Atak Gaya (From "Badhaai Do")

Palak Muchhal

Длительность: 2:51
Год: 2022
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Текст песни

जब चलते चलते रह मुडे
जब जुगनू मुठी खोल उड़े
जब नं ये तोड़े रूल सबी
और खुल के क्रले
भूल सबी
भूल सबी
भूल सबी

तो अटक गया है
ये मन अटक है
कुछ चातक गया है
ये मन अटक गया है
तो अटक गया है
ये मन अटक गया है
कुछ चटक गया है
ये मन अटक गया है
हाय

कभी झील है तू और
कभी यादों की नाव है
तू ही दिल का किनारा मेरा
कभी धूप है तू और
कभी तारो की चाओ हैं
सारा ही है सहारा मेरा

जब बाकी दुनिया धुंधली लागे
जब रात भी उजली ​​लगी
जब दिल को दुआ मालुम पड़े
और धड़कन झट से
बूम करे
बूम करे
बूम करे

तो अटक गया है
ये मन अटक है
कुछ चटक  गया है
ये मन अटक गया है
तो अटक गया है
ये मन अटक गया है
कुछ चटक गया है
ये मन अटक गया है