Dekha Hazaro Dafaa
Arijit Singh
3:28जब चलते चलते रह मुडे जब जुगनू मुठी खोल उड़े जब नं ये तोड़े रूल सबी और खुल के क्रले भूल सबी भूल सबी भूल सबी तो अटक गया है ये मन अटक है कुछ चातक गया है ये मन अटक गया है तो अटक गया है ये मन अटक गया है कुछ चटक गया है ये मन अटक गया है हाय कभी झील है तू और कभी यादों की नाव है तू ही दिल का किनारा मेरा कभी धूप है तू और कभी तारो की चाओ हैं सारा ही है सहारा मेरा जब बाकी दुनिया धुंधली लागे जब रात भी उजली लगी जब दिल को दुआ मालुम पड़े और धड़कन झट से बूम करे बूम करे बूम करे तो अटक गया है ये मन अटक है कुछ चटक गया है ये मन अटक गया है तो अटक गया है ये मन अटक गया है कुछ चटक गया है ये मन अटक गया है