Beqaraan Kaynaat
Pratibha Singh Baghel
6:20किसी ने कहा "नैनों की मत मानियो, नैना ठग लेंगे नैनों की मत मानियो, नैना ठग लेंगे नैनों की बातों पे भरोसा नहीं आता लिखत, पढ़त, ना रसीद, ना ख़ाता" हाँ, कभी अफ़साने सुने होते आँखों के तो ये ना कहते ये अँखियाँ निचल्ली नहीं रहतीं लम्हों से लेकर सदियों की दास्तानें कहती हैं, कैसे ऐतबार ना आए इनपर इन्हीं से तो वक़्त पिरोया जाता है सदियाँ झुठला कर लम्हें सच कर देती हैं कैसा होगा वो लम्हा जब बरसों बाद मिले और कोई बोला नहीं ना हम बोले ना वो बोले बोले नैना, नैना बोले बोले नैना, नैना बोले बोले नैना, नैना बोले हम बोले, ना वो बोले बोले नैना, नैना बोले ग, म, ध, नि, स, रे, ध, प म, प, ध, नि, सा, ध, प, म, प, म म, ध ग, म, रे, नि, प, म, ग, म, ध, नि, रे-रे, र, म, प, ग भूली-बिसरी एक कथा थी, दो आँसू थे, एक वफ़ा थी भूली-बिसरी एक कथा थी, दो आँसू थे, एक वफ़ा थी भूली-बिसरी एक कथा थी, दो आँसू थे, एक वफ़ा थी शिकवे करते काटी रैना शिकवे करते काटी रैना, काटी रैना बोले नैना, नैना बोले बोले नैना, नैना बोले स, ग, म, ध, नि, स, ध, प, म, ग, म, ए, रे पानी-पानी सपने देखे, सदियों बाद जो अपने देखे पानी-पानी सपने देखे, सदियों बाद जो अपने देखे पानी-पानी सपने देखे, सदियों बाद जो अपने देखे कल जो वो अब भी है ना? कल जो वो अब भी है ना? बोले नैना, नैना बोले बोले नैना, नैना बोले बोले हम, ना वो बोले बोले नैना, नैना बोले बोले नैना, नैना बोले