Raheen Na Raheen
Preeti Singh
4:41रहें ना रहें हम महका करेंगे बन के कली बन के सबा बाग़े वफ़ा में रहें ना रहें हम मौसम कोई हो इस चमन में रंग बनके रहेंगे हमखी रामा में चाहत की खुशबू, यूँ ही ज़ुल्फ़ों से उड़ेगी, खिज़ायों या बहारें यूँही झूमते, युहीँ झूमते और खिलते रहेंगे, बन के कली बन के सबा बाग़ें वफ़ा में रहें ना रहें हम महका करेंगे बन के कली बन के सबा बाग़े वफ़ा में खोये हम ऐसे क्या है मिलना क्या बिछड़ना नहीं है, याद हमको गुंचे में दिल के जब से आये सिर्फ़ दिल की ज़मीं है, याद हमको इसी सरज़मीं, इसी सरज़मीं पे हम तो रहेंगे, बन के कली बन के सबा बाग़े वफ़ा में रहें ना रहें हम जब हम न होंगे जब हमारी खाक पे तुम रुकोगे चलते चलते अश्कों से भीगी चांदनी में इक सदा सी सुनोगे चलते चलते वहीं पे कहीं, वहीं पे कहीं हम तुमसे मिलेंगे, बन के कली बन के सबा बाग़े वफ़ा में रहें ना रहें हम महका करेंगे बन के कली बन के सबा बाग़े वफ़ा में रहें ना रहें हम